तोरे सिवा | TORE SIWA Lyrics | Tore Siwa Jaau Kahan

तोरे सिवा जाऊँ कहाँ

पाऊँ तुझँ जाऊँ जहाँ 4

1. प्रभु में था एक एज्ञानी

अनुग्रह से ही तेरी महिमा जानी 2

भेड़ हुँ में तू है गडरिया

आत्मा से मुझको चरा

तोरे सिवा जाऊँ कहाँ

पाऊँ तुझँ जाऊँ जहाँ 2

2. काले समदंर से मैं घिरा था

आस ना थी कोई डूव रहा था 2

आके यीशु तुने वचाया

जीवन का मार्ग दिखाया

तोरे सिवा जाऊँ कहाँ

पाऊँ तुझँ जाऊँ जहाँ 2

3. प्रभु मैं था एक अभिमानी

करता था अपनी मनमानी 2

पत्थर सा दिल पिघलाया

सच्चा प्रम करना सिखाया

तोरे सिवा जाऊँ कहाँ

पाऊँ तुझँ जाऊँ जहाँ 2

4. मोरे जीवन के तुम स्वामी

तुमको अर्पण प्राण आत्मा भी

तोरे जेसा कोन है प्रेमी

ना मिलेगा तुम सा कोई 2

भेड़ हुँ मैं तु है गड़रिया

आत्मा से मुझको चरा

तोरे सिवा जाऊँ कहाँ

पाऊँ तुझँ जाऊँ जहाँ 2

5. सारे मिलकर जय जय गाएँ

तेरे आगे शीष झुकाएँ 2

सर्वशक्तिमान है तु

ना कोई तुझसा प्रभु

तोरे सिवा जाऊँ कहाँ

पाऊँ तुझँ जाऊँ जहाँ 4

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