पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा(भजन संहिता 121) | Pahad ki Taraf Nazar Uthaunga Lyrics

 पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा (भजन संहिता 121)

पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा (4)
मेरी सहायता कहाँ से आयेगी (2)
जिसने आसमां और जमीन बनाई हैं
उसी खुदा को मैंने मददगार पाया हैं
मदद वहीँ से मैं तो पाऊंगा (2)
 
पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा (2)
 
1) फिसलने न देगा तेरे पावों को कभी
    ऊंघने का नहीं मुहाफिज तेरा कभी (2)
    वो कभी न ऊँघेगा
    वो कभी न सोयेगा
    देखो इस्राएल का रक्षक हैं खुदा (2)
    मदद उन्हीं से मैं तो पाऊंगा (2)
 
    पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा (2)
 
2) सुनले मुहाफिज तेरा प्रभु योह्वा हैं
    तेरे दाहिने हाथ पे तेरा साहिबान हैं (2)
    न आफ़ताब दिन को
    न महताब रात को
    तुझको न कभी भी ये सतायेंगे
    हर बाला से खुदा ही बचायेंगे
    आने जाने में बचायेंगे
    हमको यकीन हैं बचायेंगे
 
    पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा (4)
    मेरी सहायता कहाँ से आयेगी (2)
    जिसने आसमां और जमीन बनाई हैं
    उसी खुदा को मैंने मददगार पाया हैं
    मदद वहीँ से मैं तो पाऊंगा (2)
 

    पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा (2)

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